भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveerबचपन से आज तक आपने मुगल शाशक और सिकंदर की वीरता और बहादुरी की कई कहानिया पढ़ी
और सुनी होगी. पर आज हम आपको अपने इस ब्लॉग में भारत के कुछ ऐसे हिन्दू शाशको के
बारे में बताएंगे जिनके बारे में आपने बहुत कम पढ़ा होगा. 


भारत के वो हिन्दू शाशक जिन्हों ने इतिहास रचा. जिन्होंने अपने पराक्रम से भारत
को सोने की चिड़िया बनाया था. इन्ही शाशको की वजह से भारत को आज महान शाशको का देश
कहा जाता है. 

सम्राट अशोक

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 2

सम्राट अशोक को प्राचीन भारत मे मौर्य साम्राज्य के राजा के रूप में जाना जाता
है. अपने पिता बिंदुसार की मृत्यु के बाद उन्होंने छोटी सी आयु में राजगद्दी
संभाली थी. सम्राट अशोक के बारे में कहा जाता है कि, उन्होंने अपने पराक्रम से
अपने राज्य की सीमा को उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के तट तक
विकसाया था. 

कहा जाता है कि, सम्राट अशोक को सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य थे. जिन्हें
कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता था. जानकारों की माने तो कलिंग युद्ध में हुए
रक्तपात को देखकर सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपना लिया था. 


सम्राट अशोक ने गौतम बुद्ध को समर्पित एक स्तंभ भी बनवाया था. जिसे आज अशोक स्तंभ
के नाम से जाना जाता है. जिसे भारत सरकार ने भारत के राजचिन्ह का गौरव दिया
है. 

छत्रपति शिवाजी महाराज

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 4
भारत के हिन्दू राजाओ में एक ऐसा नाम जिसे आज भी सुनते है तो, सर फक्र से ऊंचा
हो जाता है. छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले शाशक थे.
छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के सबसे लोकप्रिय और सफल शाशक थे. भारत
मे और खास कर महाराष्ट्र में उन्हें एक भगवान के रूप में पूजा जाता है.


इतिहासकारो की माने तो बचपन से ही छत्रपति शिवाजी महाराज में देश भक्ति की
भावना थी. छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी रणनीति के दम पर मुगलो की आंखों ने
धूल जोंक दी थी. 

महाराणा प्रताप

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 6

महाराणा प्रताप पर बना ये राजस्थानी लोकगीत आज भी सुनते है, तो शरीर में
शक्ति का एक भूचाल आता है. महाराणा की प्रशंसा में बना यह गीत सुनकर छाती
चौड़ी होती है, तो वह इंसान कैसा होगा इसकी कल्पना करना भी बहुत मुश्किल है.
एक ऐसा हिन्दू राजा जिसकी तलवार की ललकार के अकबर भी गबराया था.

भारतीय इतिहास में जब कभी भी योद्धाओं की बात होती है तो महाराणा प्रताप की
बात करना तो बनता ही है. राजस्थान की धरती पर जन्मे इस राजा की बहादुरी के कई
किस्से है. तो आइए जानते है बप्पा रावल के वंशज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
के बारे में.

पृथ्वीराज चौहान

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 8पृथ्वीराज चौहान का जन्म 12/3/1220 गुजरात राज्य के पाटन में हुआ था उनके
पिता का नाम सोमेश्वर चौहान था और उनकी माता का नाम कर्पूर देवी था उनके भाई
का नाम हरिराज था और छोटी बहन का नाम पृथा था.

पिता सोमेश्वर ने अपने पुत्र का भविष्य जानने के लिए उन्होंने राजपुरोहितो से
निवेदन किया और पृथ्वीराज नामकरण भी राजपुरोहित द्वारा ही हुआ जब पृथ्वीराज
चौहान 5 साल के थे तब पिता सोमेश्वर अजमेर ( अजय मेरु) गए. इटली राज का
अध्ययन सरस्वती कंठाभरण विद्यापीठ में हुआ और वह विद्यापीठ के आंगन में
पृथ्वीराज चौहान ने शस्त्र और युद्ध कला का ज्ञान प्राप्त किया.

महाराजा रणजीत सिंह

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 10

महाराजा रणजीत सिंह को दूसरे ‘शेर-ए-पंजाब’ के नाम से भी जाना जाता है.
सिख धर्म को शुरू करने में महाराजा रणजीत सिंह ने महत्व की भूमिका निभाई थी.
महाराजा रणजीखालसा पंथ का नेतृत्व किया था.


महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं सदी में अपना राजपाठ शुरू किया था. उनका
साम्राज्य पंजाब, पेशावर, पस्तुन से लेकर कश्मीर तक फैला हुआ था. महाराजा
रणजीत सिंह एक मात्र ऐसे हिन्दू राजा थे जिन्हों ने पस्तुनो पर राज किया था.
इससे पहले केवल मुस्लिम शाशको ने ही पस्तुनो पर राज किया था.

राजा हरिहर

यह बहुत ही काम लोगो को पता है कि, राजा हरिहर को विजयनगर साम्राज्य के
संस्थापक के रूप में जाना जाता है.  विजयनगर साम्राज्य की स्थापना राजा
हरिहर ने 1336 में की थी. राजा हरिहर को दो समुद्रों का शाशक भी कहा जाता है.

अजातशत्रु

भारत के वीर योद्धा | indian shoorveer 12

अजातशत्रु मगध साम्राज्य के एक शौर्य और प्रतापी राजा थे. अजातशत्रु के
समय में मगध की प्रसिद्धि अपनी चरम सीमा पर थी. मगध साम्राज्य के और भी राजा
अजातशत्रु को एक प्रतापी राजा मानते थे. अजातशत्रु ने युद्धों में कई बार
अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था.

कुछ इतिहासकारों का ऐसा भी मानना है कि, अजातशत्रु ने अपने पिता बिंबिसार
को बंदी बनाकर मगध साम्राज्य के राजा बने थे. अजातशत्रु ने अपने राज्य को
भारत के दक्षिणी छोर से लेकर उत्तर में काशी तक विस्तृत किया था.

Leave a Comment