
भारत भूमि, जो अनेको वरसॉ से संतो – महंतो को भूमि रही है. यहां पर ऐसे कई हिन्दू तीर्थस्थल मौजूद है जिनका अपना – अपना धार्मिक महत्व है…और उनसे लाखो – करोड़ो लोगो की आस्था जुड़ी हुई है. ऐसा ही एक तीर्थस्थल मध्य प्रदेश में स्थित है. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच शिवपुरी नामक द्वीप पर मौजूद भगवान शिव का ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (omkareshvar jyotirling).
यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिहन ॐ के आकार में बना हुआ है. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (omkareshvar jyotirling) भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (12 jyotirling mandir) में से एक है…और इसे चौथे ज्योतिर्लिंग – jyotirlinga के रूप में पूजा जाता है. शिवपुरी द्वीप पर ऐसे दो मंदिर स्थित है. ओंकारेश्वर अमलेश्वर (ममलेश्वर)
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – Omkareshwar Temple History Hindi

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग(omkareshwar jyotirlinga ) के निर्माण का वर्णन शिवपुराण के कोटिरुद्रसंहिता के 18वें अध्याय में महाराज सूतजी द्वारा किया गया है. कोटिरुद्रसंहिता के अनुसार एक बार देवमुनि नारदजी गुमते हुऐ गिरिराज विन्ध्य पर पहुच गए थे…तब विन्ध्य ने बड़े आदर भाव से नारदजी का स्वागत किया. में सबसे महान हु, मेरे पास सभी प्रकार की संपदा है ऐसे अहंकारी भाव के साथ विंध्याचल नारदजी के सामने खड़े हो गए. अहंकारीओ को राह दिखाने वाले देवमुनि ने बड़े निर्मल भाव से कहा विन्ध्य तुम बड़े महान हो पर तुम्हारी ऊंचाई सुमेरु पर्वत जितनी नही है.
सुमेरु की चोटी देवलोक तक पहुची हुई है और मुझे नही लगता कि तुम्हारी ऊंचाई वहाँ तक पहुच पाएगी. यह बात कह कर नारदजी वहां से चले गए…पर नारदजी की यह बात सुनकर विंध्याचल को बहुत पछतावा हुआ. फिर विंध्याचल ने भगवान शिव की पूजा प्राम्भ की.
विंध्याचल ने भगवान शिव की पार्थिव मूर्ति बनाई और बड़े भक्तिभाव से उनकी पूजा करने लगे. उन्होंने लगातार 6 महीनों तक भगवान शिव की पूजा अर्चना की. विंध्याचल की कठोर तपस्या देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और विंध्याचल को दर्शन दिये…और विंध्याचल को वरदान मांगने को कहा. विंध्याचल ने वरदान के रूप में अविष्ठ बुद्धि मांगी. भगवान शिव ने अपने भक्त की इच्छा पूरी करते हुए तथास्तु कहा.
थोड़ी ही देर में वहां कुछ मुनि और ब्राह्मण भी वहाँ आ गए…और उन्होंने भी भगवान शिव की विधिवत पूजा की. लोक कल्याण के लिए भगवान शिव को हमेशा के लिए वहाँ रहने का आग्रह किया.
ब्राह्मणों की बात मान कर भगवान शिव वहाँ लिंग स्वरूप में बिराजमान हो गए. जो ओंकारेश्वर(onkareshvar) के नाम से विख्यात हुई और विंध्याचल द्वारा निर्मित मूर्ति से जो ज्योति प्रगट हुई थी वह लिंग परमेश्वर के नाम से विख्यात हुई…जो समय के चलते अब अमलेश्वर के नाम से जाना जाता है. यह शिवलिंग का वर्णन आदि शंकराचार्य स्वामी ने कुछ इस तरह किया है.
कावेरिका नार्मद्यो: पवित्र समागमे सज्जन तारणाय |
सदैव मंधातत्रपुरे वसंतम,ओमकारमीशम् शिवयेकमीडे ||
अथार्त :- कावेरी एवं नर्मदा नदी के पवित्र संगम पर सज्जनों के तारण के लिए, सदा ही मान्धाता की नगरी में विराजमान श्री ओंकारेश्वर जो स्वयंभू हैं वही ज्योतिर्लिंग है.
ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा का समय – Timings of Omkareshvar Temple
मंगला आरती | 5:00 A.M. TO 5:30 A.M. |
जलाभिषेक | 5:30 A.M. TO 12:25 P.M. |
मध्याह्न भोग | 12:25 P.M. TO 1:15 P.M. |
जलाभिषेक | 1:15 P.M. TO 3:50 P.M. |
मंदिर व्यवस्था के कारण दर्शन बंद | 3:50 P.M. TO 4:15 P.M. |
श्रृंगार दर्शन | 4:15 P.M. TO 8:20 P.M. |
शयन आरती | 8:20 P.M. TO 9:05 P.M. |
शयन दर्शन | 9:05 P.M. TO 9:30 P.M. |
दर्शन बंद | 9:30 P.M. TO 5:00 A.M. |
ओंकारेश्वर मंदिर(onkareshvar temple) सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है. विशेष त्योहारों एवं दिनों पर यह समय परिवर्तित भी होता है.
ओंकारेश्वर मंदिर में दिवस दरमियान नियमित रूप से 3 पूजा की जाती है.
◆ प्रातःकाल पूजा मंदिर ट्रस्ट द्वारा की जाती है.
◆ दोपहर की पूजा सिंधिया राजघराने के पुजारी द्वारा की जाती है.
◆ संध्याकाल की पूजा होलकर स्टेट के पुजारी द्वारा की जाती है.
ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष दर्शन की माहिती – VIP Darshan in to Onkareshvar Temple
ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष दर्शन की सुविधा उपलब्ध है…पर यह विशेष सुविधा शारीरिक रूप से विकलांग और वृद्ध लोगो के लिए ही है.
विशेष दर्शन के लिए मंदिर ट्रस्ट या मंदिर अधिकारियो से संपर्क करना पड़ता है…और काउंटर से टिकिट लेनी पड़ती है.
ओंकारेश्वर मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Some intresting fects about onkareshvar temple.
विंध्याचल जी ने यहाँ भगवान शिव की 6 महीनों तक कठोर तपस्या की थी.
कुबेरजी महाराज में भी यहां भगवान ओंकारेश्वर की पूजा की थी और उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने कुबेरजी को देवताओं के खजाने का अधिपति बनाया था.
ओंकारेश्वर मंदिर(onkareshvar jyotirling) का मुख्य गुम्मट उत्तरभारतीय वास्तुकला से बना हुआ है. वर्तमान मंदिर को किसने और क्यों बनाया इसका कोई वास्तविक प्रमाण नही है.
वर्तमान मंदिर कुल 5 मंजिलो से बना हुआ है…जिसमे अलग – अलग देवता बिराजमान है. पहली मंजिल पर श्री ओंकारेश्वर, दूसरी मंजिल पर श्री महाकालेश्वर, तीसरी मंजिल पर श्री सिद्धनाथ जी, चौथी मंजिल पर श्री गुप्तेश्वर और सबसे ऊपर ध्वजाधारी शिखर देवता बिराजमान है.
उज्जैन में महाकाल की तरह भी यहाँ ओंकारेश्वर को इस गांव का राजा माना जाता है…और प्रत्येक सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर की तीनमुखों वाली स्वर्ण मूर्ति को पालखी में विराजित कर ढोल – नगाड़ो के साथ पुजारियों एवं भक्तो द्वारा नगर में भ्रमण करवाया जाता है.
यहाँ नर्मदा नदी में स्नान करना और नर्मदा जल से भरे पात्र, पुष्प,नारियल एवं अन्य सामग्री से भगवान ओंकारेश्वर की पूजा करने का भी बड़ा महत्व है.
ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिर – Other temples located near Omkareshwar temple
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर
- ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग (अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग)
- गजानन महाराज मंदिर
- माँ अन्नपूर्णा मंदिर
- शिव प्रतिमा मंदिर
- विष्णु मंदिर
- मुक्तेश्वर महादेव मंदिर
- माँ राजराजेश्वरी मंदिर
- शिव मंदिर कैलाश धाम
- सिद्धनाथ मंदिर ( सिद्धेश्वर महादेव)
- सिद्धवरक जैन मंदिर
- श्री राम मंदिर परिक्रमा पथ पर पाताल हनुमान मंदिर
- ओंकार मठ
- गौरी सोमनाथ मंदिर
ओंकारेश्वर मंदिर तक कैसे पहुचे –
How to reach onkareshvar temple
ओंकारेश्वर मंदिर तक सीधे पहुचने के लिए केवल थलमार्ग ही है. रेलमार्ग और वायुमार्ग से ओंकारेश्वर मंदिर तक कोई सीधा मार्ग नही है.
थलमार्ग द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – Omkareshvar Jyotirling Temple by Bus

थलमार्ग द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ( temple of omkareshvar )जाने के लिए इंदौर, देवास, खंडवा और उज्जैन से नियमित रूप से सरकारी एवं प्राइवेट बस सेवा उपलब्ध होती है.ओंकारेश्वर मंदिर से 12 किलोमीटर दूर इंदौर से खंडवा जाने वाली सड़क के बीच मोटरक्कका नामक गाँव है…वहाँ प्राइवेट Taxi सुविधा भी उपलब्ध है.
रेलमार्ग द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – Omkareshvar Jyotirling Temple by train

रेलमार्ग सेे सीधे ओंकारेश्वर मंदिर जाने के लिए कोई रेलसेवा उपलब्ध नही है. ओंकारेश्वर मंदिर से 70 किलोमीटर दूर खंडवा रेलवेस्टेशन है और 80 किलोमीटर दूर इंदौर रेलवेस्टेशन है. खंडवा और इंदौर दोनों शहरों के लिए देश के सभी बड़े शहरों से रेल सेवा उपलब्ध है. वहाँ से थलमार्ग द्वारा ओंकारेश्वर मंदिर(onkareshvar) तक पहुच सकते है.
वायुमार्ग द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – Omkareshvar Jyotirling Temple by Airplane

ओंकारेश्वर मंदिर(omkareshvar) के आसपास कोई एयरपोर्ट नही है. नजदीकी एयरपोर्ट ओंकारेश्वर मंदिर से 80 किलोमीटर दूर इंदौर में है…वहाँ से बस या Taxi के माध्यम से ओंकारेश्वर मंदिर पहुचा जा सकता है.
ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास घूमने से स्थल – Places to visit around onkareshvar Temple
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर-Shree omkareshvar jyotirling mandir

ओमकालेश्वर डेम-Onkareshvar Dam

श्री ओमकार मंधाता-Shri Omkar Mandhata

गौरी सिद्धनाथ मंदिर-Gauri Siddhnath Temple

24 अवतार मंदिर-24 avtar temple
काजल रानी गुफ़ा-Kajal Rani Cave

FAQs
Where is Omkareshwar temple located.
Omkareshwar Temple is located in Madhya Pradesh. Omkareshwar Temple is present on an island called Shivpuri, between Narmada River in Khandwa district of Madhya Pradesh.
How many floors are present in onkareshvar temple
The present temple is made up of a total of 5 floors … in which different deities are seated. Shri Omkareshwar on the first floor, Shri Mahakaleshwar on the second floor, Shri Siddhanathji on the third floor, Shri Gupteshwar on the fourth floor and the flag-hoisted Shikhar Devta on the top.
how many months did Vindhyachal do penance of Lord Shiva here.
Vindhyachal ji did harsh penance of Lord Shiva here for 6 months.