अमूल डेरी – Amul Brand history in hindi

Amul
Amul

देश के किसानों को दूध उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये श्री त्रिभुवनदास केशीभाई पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल और मोरारजी देसाई की सलाह से साल 1946 में गुजरात के आंणद जिले में एक सहकारी संस्था शुरू की.

आजादी के पहले शुरू हुई यह संस्था का नाम “गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संध लिमिटेड” रखा गया. यह संस्था शुरू करने का मुख्य हेतु दूध उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना था.

बाद में यह संस्था की कमान डॉ. वर्गीज कुरियन ने संभाली. डॉ. वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में यह संस्था ने नई बुलंदियो को छुआ. डॉ. वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादन करने वाला देश बना है.

Advertisements

तो आइए जानते है, अपने इस लेख में भारत की एवं दुनिया की सबसे बड़ी दूध डेरी AMUL के सफलता की कहानी.

अमूल डेरी के जन्म की कहानी – Story Of Amul Dairy In Hindi 

अमूल डेरी Amul Dairy की स्थापना एक दूध सहकारी आंदोलन के रूप में की गई थी. जिनका मुख्य उद्देश्य भारत के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना था.

20वीं सदी के मध्य तक भारत पर अंग्रेजो का दबदबा था. इसके तहत अंग्रेज भारत के दूध उत्पादकों को उनके दूध के योग्य पैसे नही देते थे या यूं कहें कि, किसानों के पैसे बीच के दलाल ले लेते थे.

उस वक्त भारत के दूध उद्योग पर विदेशी डेरी पॉलसन का कब्जा था. पॉलसन डेरी के दलाल किसानों को उनके दूध की उचित कीमत नही देते थे. इसीलिए किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी.

Advertisements

यह समस्या का निवारण लाने के लिये श्री त्रिभुवनदास पटेल किसानों की फरियाद लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल के पास गये. सरदार वल्लभभाई पटेल और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में श्री त्रिभुवनदास पटेल ने गुजरात के किसानों के साथ मिलकर एक सहकारी दुग्ध संस्था शुरू करने का निश्चय किया.

डिसम्बर 1946 को श्री त्रिभुवनदास पटेल ने गुजरात के किसानों के साथ मिलकर एक सहकारी दुग्ध संस्था शुरू की. जिसका नाम रखा गया “गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संध लिमिटेड”. बाद में यह संस्था की कमान ‘भारत के मिल्क मैन’ डॉ. वर्गीज कुरियन के हाथों में गयी. उनके नेतृत्व में यह संस्था खूब फूली-फली. जो आगे चलकर अमूल Amul के नाम से भारत एवं विश्व मे प्रसिद्ध हुई.

“मिल्क मैन ऑफ इंडिया” डॉ. वर्गीज कुरियन का परिचय. Milk Man Of India Verghese Kurien’s

“मिल्क मैन ऑफ इंडिया” के नाम के प्रसिद्ध डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवम्बर 1921 में हुआ था. उनका जन्म केरल के छोटे से शहर कोझीकोड के क्रिश्चन परिवार में हुआ था.

Advertisements

वर्गीज कुरियन ने स्नातक स्तर की पढ़ाई केरला में ही कि थी. बाद में वह आगे की पढ़ाई के लिए बैंगलुरु चले गये. वहां उन्होंने इम्पीरियल इंस्टिट्यूट ऑफ ऐनिमल में स्कॉलरशिप पर पर पढ़ाई की. वहाँ एक साल की पढ़ाई करने के बाद वर्गीज कुरियन MSc की पढ़ाई करने के लिये अमेरिका चले गये.

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्गीज कुरियन भारत वापस लौट आये और गुजरात मे स्थित “गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संध लिमिटेड” को ज्वॉइन कर लिया.

अमूल डेरी सफलता की कहानी -Amul Dairy Success Story

अमूल डेरी Amul Dairy की मुख्य सफलता यह है कि, अमूल डेरी ने ही सबसे पहले भैस के दूध से ‘मिल्क पाउडर’ बनाने में सफलता हांसिल की थी. क्योंकि, उस समय तक केवल गाय के दूध से ही ‘मिल्क पाउडर’ बनाने की तकनीक उपलब्ध थी. भैस के दूध से ‘मिल्क पाउडर’ बनाने का श्रेय डॉ. वर्गीज कुरियन और उनके कॉलेज दोस्त एच.एम.दलाया को जाता है.

किसानों को दूध के अच्छे दाम मिलने के कारण किसान अधिक मात्रा में भैंस के दूध का उत्पादन करने लगे. जिससे भैंस के दूध की बर्बादी अधिक मात्रा में होती थी. यह समस्या का निवारण लाने के लिये डॉ. वर्गीज कुरियन ने भैंस के दूध का पाउडर बनाने का सोचा. जो उस वक्त नामुमकिन था. यह बात को लेकर उस समय डॉ. वर्गीज कुरियन का काफी लोगो ने  मजाक भी उड़ाया था.

परंतु डॉ. वर्गीज कुरियन ने उन लोगो की बात न सुनकर भैंस के दूध का पाउडर बनाने में लग गये. डॉ. वर्गीज कुरियन ने अपनी सहायता के लिये उनके कॉलेज दोस्त एच.एम.दलाया को अमरीका से बुलाया. जल्द ही, उन्हें भैस के दूध का पाउडर बनाने में सफलता मिली.

आज के समय मे अमूल डेरी Amul Dairy Products दूध पाउडर, चीज़, बटर, पनीर और आइस क्रीम जैसी कई डेरी प्रॉडक्ट बनाती है. अमूल Amul अपने स्वाद और शुद्धता के लिए भारत मे ही नही बल्कि, पूरे विश्व मे जानी जाती है.

अमूल के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Some interesting interesting facts about Amul 

● डॉ. वर्गीज कुरियन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि, वह कभी भी डेरी फार्मिंग करना नही चाहते थे.
● आज डॉ. वर्गीज कुरियन को “मिल्क मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है परंतु हैरानी की बात तो यह है कि, उन्होंने कभी भी दूध नही पिया.
● “गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संध लिमिटेड” को अमुल नाम देने वाला उनकी ही संस्था में काम करने वाले व्यक्ति ने दिया था.
● अमूल एक संस्कृत शब्द है. संस्कृत में इसका मतलब “अमूल्य” होता है. यानी जिसका कोई भी मूल्य नही लगाया जा सकता.
● आज के समय मे अमूल का सालाना टर्नओवर 700 करोड़ से भी ज्यादा है.
● यह बात बहुत कम लोगो को पता है कि, अमूल का मालिक कोई एक न होकर 26 लाख से भी ज्यादा दूध उत्पादक है.
● डॉ. वर्गीज कुरियन को भारत मे स्वेत क्रांति लाने के कारण उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था.
● एक समय था जब, डॉ. वर्गीज कुरियन के पास गुजारा करने के लिये पढ़ाई के साथ ‘टाटा स्टील’ में पार्टटाइम नौकरी भी की थी.

श्री त्रिभुवनदास पटेल, डॉ. वर्गीज कुरियन, सरदार वल्लभभाई पटेल, मोरारजी देसाई और कई सारे भारतीय किसानों के परिश्रम का फल है, आज का अमूल AMUL: THE TEST OF INDIA

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ankara escortaydın escortSakarya escortizmir escortankara escortetimesgut escortkayseri escortistanbul escortçankaya escortkızılay escortdemetevler escort
bebek alışverişhayır lokmasıeskişehir pelet kazanıbatman evden eve nakliyat