Bharat ki Sabse lambi nadi konsi he? | Top 10 big or longest rivers in india ?
भारत भूमि, जो अनेको वरसॉ से संतो – महंतो की भूमि रही है। यहां पर ऐसे कई तीर्थस्थल मौजूद है जिनका अपना अलग महत्व है…जिनके साथ लाखो – करोड़ो हिन्दूओ की आस्था जुड़ी हुई है। भारत एक विविधता वाला देश है. जहा हर १०० किलोमीटर में भाषा, रहन- सहन और खाना- पीना बदल जाता है.
वैसे ही भारत में कई सारी नदियां मौजूद है. इन नदियों का उद्गम स्थल भारत में है और कई प्रदेशों से होती हुई यह नदिया समंदर में मिल जाती है. वैसे ही भारत की सबसे बड़ी नदी गंगा है. गंगा भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी है. भारत की सभी प्राचीन सभ्यताओ का विकास नदियों के किनारे ही हुआ. सभी जीवित प्राणियों को जीवन देने वाली यह नदी को भारत में मां माना जाता है. एक मां की तरह ही उनकी देखभाल और पूजा की जाती है.
भारत में उदगम स्थलों के हिसाब से नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया है. हिमालय से बहने वाली नदियों को हिमालियन नदी और दूसरी जगह से बहने वाली नदी को प्रायद्वीपीय नदी कहा जाता है. पूर्व की और बहने वाली नदियों की संख्या बहुत ही ज्यादा है जबकि, पश्चिम की और बहने वाली सिर्फ ३ ही नदिया है.
Top 10 Indian river || Bharat ki Sabse nadi
नदी | लंबाई (किमी) | कुल लंबाई (किमी) |
गंगा | 2424 | 2424 |
गोदावरी | 1464 | 1464 |
कृष्णा | 1400 | 1400 |
यमुना | 1376 | 1376 |
नर्मदा | 1312 | 1312 |
सिंधु | 1114 | 3180 |
ब्रह्मपुत्र | 916 | 2900 |
महानदी | 870 | 870 |
कावेरी | 800 | 800 |
ताप्ती | 724 | 724 |
गंगा | Ganga – Longest River in India
Bharat ki sabse lambi nadi konsi he? – Ganga

भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी गंगा है. जो उतरी हिमालय के गंगोत्री से निकलकर भारत के भिन्न राज्य उत्तराखंड, बिहार, उतर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से होती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है. गंगा नदी की कई शाखाएं भारत से होती हुई नेपाल और बांग्लादेश में भी जाति है.
हिंदू धर्म की माने तो गंगा एक पवित्र नदी है. जिसकी देखभाल और पूजा भारत के लोग एक मां की तरह करते है. गंगा भारत के एक चौथाई भाग से बहती है और कई शाखाओं में बंट जाती है. गंगा अपनी शाखाओं के द्वारा सभी जीवित प्राणियों को जीवन देने वाली नदी है. गंगा २५२५ किलोमीटर के साथ बहने वाली भारत की सबसे बड़ी नदी है.
गोदावरी नदी Godavari River

गोदावरी नदी भारत के पश्चिमी तट से शुरू होकर पूर्व तट तरफ बहने वाली भारत की तीन प्रमुख नदियों में से एक है. जिसकी लंबाई १४६४ किलोमीटर है. गोदावरी नदी महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के पास बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है.
गोदावरी के स्पर्श से एक मृत गाय पुनर्जीवित हो गयी थी. इसी कारण से इसका नाम गोदावरी पड़ा था. गौतम बुद्ध से संबंध जुड़े होने के कारण इसे गौतमी के नाम से भी जाना जाता है. इस नदी में नहाने से सारे पाप धुल जाते है, इसी लिए इसको “वृद्ध गंगा” या “प्राचीन गंगा” के नाम से भी जाना जाता है.
कृष्णा नदी – Krishna River

कृष्णा नदी दक्षिण भारत से बहने वाली एक महत्त्वपूर्ण नदी है. कृष्णा नदी का उदगम स्थल महाराष्ट्र राज्य मे महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट श्रृंखला से होता है, जो भारत के पश्चिमी समुद्र तट से अधिक दूर नहीं है. यह पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली भारत की तीन प्रमुख नदियों मे से एक है. बाद में यह नदी दक्षिण-पूर्वी दिशा में सांगली से होते हुए कर्नाटक राज्य सीमा की ओर बहती है.
विश्व प्रसिद्ध नागार्जुन सागर बांध कृष्णा नदी पर बनाया गया है. नागार्जुनसागर परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा और उच्चतम चिनाई वाला बांध है. यह तेलंगाना के नलगोंडा जिले और आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बीच बनाया गया है.
यमुना नदी – Yamuna River

यमुना भारत की एक प्रसिद्ध नदी है. यमुना उत्तराखंड के गढ़वाल में यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है और प्रयागराज में गंगा से मिल जाती है. यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है. इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्धु और बेतवा है.
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यमुना नदी को यमराज की बहन और सूर्य देव की पुत्री माना गया है. यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इन्हें ‘काली गंगा और ‘असित’ भी कहते हैं.
नर्मदा नदी – Narmada River

नर्मदा जिसे दूसरे रेवा के नाम से भी जाना जाता है. नर्मदा भारत की पांचवी सबसे बड़ी नदी है. नर्मदा गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद भारत में बहने वाली तीसरी सबसे बड़ी नदी है. नर्मदा भारत के पश्चिमी छोर से शुरू होकर अरब सागर में जाकर मिलती है. नर्मदा १३१२ किलोमीटर लंबी नदी है.
सिंधु नदी – Indus River

इंडस रिवर और रिवर ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर सिंधु नदी एसिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है. सिंधु नदी में पहले सात नदियां मिलती थी इसीलिए इसका प्राचीन नाम सप्त सैंधव था.
सिंधु नदी का उद्गम स्थान तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक झरने को माना जाता है. इस नदी की आधिकारिक लम्बाई ३१८० किलोमीटर है. सिंधु नदी तिब्बत से निकलकर भारत के कश्मीर से होकर पाकिस्तान तक जाती है. यह नदी का ज्यादातर हिस्सा पाकिस्तान में ही बहता है. यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी और राष्ट्रीय नदी है.
ब्रह्मपुत्र नदी – Brahmaputra River

ब्रह्मपुत्र एक ट्रांस-बाउंड्री नदी है जो तिब्बत से शुरू होकर पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है. इसे तिब्बती में यारलुंग त्संगपो, अरुणाचली में सियांग नदी, असमिया में लुइत और बांग्ला में जमुना नदी के नाम से भी जाना जाता है. ब्रह्मपुत्र नदी एक सर्वेक्षण के हिसाब से दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी और 15वीं सबसे लंबी नदी है.
गजब की बात यह है कि, हर साल जून महीने में तीन दिनों तक ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल हो जाता है. मान्यता के अनुसार, इस दौरान देवी अपने मासिक चक्र में होती है इसलिए ब्रह्मपुत्र नदी लाल हो जाती है. इस समय के दरमियान यह मंदिर 3 दिनों तक बंद रहता है. मंदिर से निकलने वाले इस लाल पानी को यहां आने वाले भक्तों के बीच बांटा जाता है.
महानदी – Mahanadi

महानदी का उदगम स्थल रायपुर के समीप धमतरी जिले में मौजूद सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से होता है. महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है. महानदी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से होकर बहती है. महानदी का जमीनी तट उत्तर पश्चिम – दक्षिण पूर्व में फैला है जो भारत के पूर्वी तट पर स्थित गोंडवाना मैदानों तक फैला है.
कावेरी नदी – Kaveri River

कावेरी नदी को दूसरी दक्षिणी गंगा के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी भारतीय नदी है जो कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से होकर पॉन्डिचेरी के केन्द्र शासित प्रदेश से होकर बहती है. हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी और काबिनी कावेरी नदी में मिलने के वाली मुख्य नदिया है.
ताप्ती नदी – Tapti River

ताप्ती नदी मध्य भारत में नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित एक नदी है जो अरब सागर में गिरने से पहले पश्चिम की ओर बहती है. नदी की लंबाई लगभग ७२४ किमी है और यह महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों से होकर बहती है.
पुराणों की माने तो सूर्य भगवान की पुत्री ताप्ती जिसे तापी नदी के नाम से भी जाना जाता है. ताप्ती नदी सूर्य भगवान के द्वारा उत्पन्न की गईं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान सूर्य ने स्वयं की गर्मी या ताप से अपनी रक्षा करने के लिए ताप्ती को धरती पर अवतरित किया था.
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