• About us
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
Bharatvarshgyan
  • Biography
  • history
  • Information
  • Recipes
  • Unique places
  • Suvichar
  • Haunted places
No Result
View All Result
  • Biography
  • history
  • Information
  • Recipes
  • Unique places
  • Suvichar
  • Haunted places
No Result
View All Result
Bharatvarshgyan
No Result
View All Result
Home history

Dhruv tara story in hindi | ध्रुव तारा की कहानी

Modi Arpit by Modi Arpit
January 21, 2023
in history, Knowledge
0
dhruv-star-story

dhruv-star-story

0
SHARES
16
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
Dhruv tara story in hindi
Dhruv Tara story in hindi

Dhruv tara story

आपने भी अपने बचपन मे अपनी दादी से राजा – रानियों की कहानी सुनी होगी. उनमें से ही एक है ध्रुव तारा की कहानी Dhruv tara story in hindi.

Contents
Dhruv tara storyध्रुव तारा की कहानी – Dhruv tara Story In Hindi

भारत मे ऐसी कई हिन्दू पौराणिक कथाएं hindu pauranik katha  प्रचलित है जो भगवान के प्रति अटूट विश्वास एवं अविश्वसनीय भक्ति को दर्शाता है.

ध्रुव तारा (Dhruv tara) पृथ्वी से लगभग 433 प्रकाशवर्ष दूर उषा नक्षत्र में स्थित है. यह पृथ्वी से दिखने वाले तारो में से 45वां सबसे प्रकाशित तारा है. ध्रुव तारा (Dhruv tara) Pole Star के साथ एक हिन्दू पौराणिक कथा भी प्रचलित है. जो बच्चो और बड़ो सभी को बहुत पसंद आती है.

ध्रुव तारा की कहानी – Dhruv tara Story In Hindi

विष्णुपुराण Vishnupuran यह कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. एक बार भारत भूमि पर उत्तानपाद नाम का महाप्रतापी राजा था. जिसकी सुनीति और सुरुचि नाम की दो रानिया थी. बड़ी रानी सुनीति स्वभाव से उदार, कोमल और बड़ी दयावान था.

सुनीति को ध्रुव नाम का एक पुत्र था. उसके मुख पर एक अलौकिक तेज था. छोटी रानी सुरुचि भी बहुत सुंदर थी…लेकिन वह स्वभाव से बहुत अहंकारी थी. सुरुचि का भी एक पुत्र था जिसका नाम उत्तम था.

राजा उत्तानपाद सुरुचि की सुंदरता पर मोहित हो गया था. इसीलिए वह पूरा दिन सुरुचि के महल में ही रहता था. देखते ही देखते सुरुचि राजा की प्रिय पत्नी बन गई.

एक बार ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठकर खेल रहा था. यह देख सुरुचि बहुत क्रोधित हुए. उसने ध्रुव का हाथ खींचकर पिता की गोद से नीचे उतार दिया…और अपने बेटे उत्तम को राजा की गोद मे बिठा दिया.

सुरुचि ने ध्रुव का अपमान करते हुए उसकी माँ की भिखारन कहा और ध्रुव से कहा कि भगवान विष्णु की पूजा रकार ताकि अगले जन्म में वह उसकी कोख से जन्म ले ताकि उसे राजा की गोद मे बैठने मिले.

सुरुचि की यह बात ध्रुव के मन मे गढ़ गई. ध्रुव ने भगवान विष्णु को ढूंढने के लिए उसी रात राजभवन का त्याग कर जंगलो में चल गया.

ध्रुव जंगलो में चलता हुआ भगवान विष्णु का स्मरण करता हुआ उत्तरी आकाश के किनारे पर पहुच गया. पानी की कमी के कारण ध्रुव मुर्जित होने ही वाला था कि तब मुनिदेव नारदजी वहां पहुचे.

नारदजी ने ध्रुव को पानी पिलाया और पूछा कि वह कहा जा रहा है. तब ध्रुव ने उत्तर देते हुए कहा कि ‘में भगवान विष्णु की खोज पर निकला है.’ तब नारदजी ने उत्तर देते हुए कहा कि ‘तुम भगवान विष्णु के बारे में सोचो, और धैर्य रखो. तुम उन्हें अवश्य पाओगे.’

नारदजी ने भक्त ध्रुव को “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करने को कहा. मुनिश्रेष्ठ नारदजी की बात सुनकर ध्रुव ने भगवान विष्णु की कठोर तपस्या शुरू की. ध्रुव की तपस्या इतनी कठोर थी कि माँ लक्ष्मी और माता पार्वती स्वयं ध्रुव को देखने आए थे.

ध्रुव की तपस्या ने इस तरह की ऊर्जा को जागृत किया जिसकी वजह से धरती पर मौजूद सात ऋषि भी हिल पड़े. ऋषियो ने ध्रुव को चारों तरफ से घेर लिया. और ध्रुव के साथ ही “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करने लगे.

जल्द ही स्वर्ग निवाशी देवताओ के राजा इन्द्र को चिंता होने लगी कि यह छोटा बालक भगवान विष्णु को प्रस्सन कर मेरा सिंहासन ना मांग ले. इन्द्रदेव ने ध्रुव को अपने ध्यान से विचलित करने की बहुत कोशिश की.

इन्द्रदेव indradev ने ध्रुव को तपस्या से विचलित करने के लिए हिंसक प्राणियों का रूप धारण किया…और ध्रुव को डराने की कोशिश की. पर ध्रुव अपनी तपस्या से विचलित नही हुआ. यह देखकर इन्द्रदेव indradev ने ध्रुव की माता का रूप धारण किया और ध्रुव को घर ले जाने के लिए पुकारने लगे. लेकिन ध्रुव ने सुना ही नही.

Dhruv Bhagwan Vishnu
Dhruv Tara Story

काफी समय बीत जाने पर भगवान विष्णु ने ध्रुव की तपस्या की शक्ति को महसूस किया और ध्रुव के समक्ष प्रगट हुए. भगवान विष्णु ध्रुव के पास आये और कहा कि “तुम मेरी इतनी कठोर तपस्या क्यो कर रहे हो? तो मुझसे क्या चाहते हों?”

ध्रुव ने उत्तर देते हुए कहा कि ‘मेरी सौतेली माता मुजे पिता की गोद मे नही बैठने देती और मेरी माँ कहती है कि आप पूरी श्रुष्टि के पिता है, इसीलिए में आपकी गोद मे बैठना चाहता हु.’

ध्रुव की यह वात सुनकर भगवान विष्णु ने ध्रुव को श्रुष्टि के ऊपर उत्तर दिशा में एक छोटे से तारे के रूप में बदल दिया और वही स्थिर रखा. जो ध्रुव तारा (Dhruv tara) के नाम से विख्यात हुआ. ध्रुव के साथ साथ उन साथ ऋषियो को भी वहां स्थान दिया. जो सप्तर्षि के नाम से विख्यात हुए.

पृथ्वी से देखने पर यह एक तारा लगता है. पर वास्तव में वह एक सात तारो का एक तारा मंडल है. जिसका मुख्य तारा ध्रुव है. जिसे वैज्ञानिक भाषा मे “ध्रुव ए” के नाम से जाना जाता है.

जब कम्पास अस्तित्व में नही आया था, तब दिशा जान ने के लिए ध्रुव तारा (Dhruv tara) का उपयोग किया जाता था. जो पृथ्वी के उत्तर दिशा में स्थिर रहता है.

Leave your vote

0 Points
Upvote Downvote

Modi Arpit

Modi Arpit

Categories

  • Biography (42)
  • Blog (72)
  • Books (3)
  • Business (1)
  • Gujarat history (5)
  • Haunted places (3)
  • Historical Places (16)
  • history (89)
    • Europ (42)
    • Gujarat history (3)
  • hum-rahe-na-rahe-hum (45)
  • Indian history (11)
  • Information (20)
  • Jyotirlinga temple (13)
  • Knowledge (17)
  • Movies (63)
    • hollywood (63)
  • Politics (3)
  • Rajasthan history (4)
  • Recipes (62)
  • Series (2,470)
    • anupama (102)
    • baatein-kuch-ankaheesii (39)
    • bade-achhe-lagte-hain (39)
    • barsatein (49)
    • bhagya-lakshmi (418)
    • Days (3)
    • dil-diyan-gallan (135)
    • faltu (430)
    • kath-aankahi (104)
    • Saavi ki savaari (192)
    • sapno-ki-chhalaang (87)
    • sherdil-shergill (10)
    • taarak-mehta-ka-ooltah-chashmah (77)
    • Tollywood update (455)
    • Vanshaj (79)
    • wagle-ki-duniya (17)
    • yeh-rishta-kya-kehlata-hai (93)
  • Suvichar (4)
    • Hindi Suvichar (3)
  • Technology (1)
  • Top 10 (4)
  • Uncategorized (32)
  • Unique places (6)
  • World history (1)
  • शिव मंदिर (3)

Web Stories

पृथ्वीराज चौहान ने कितने वर्षों तक शासन किया था
पृथ्वीराज चौहान को कितनी बुरी मौत दी थी गौरी ने
पृथ्वीराज चौहान के सबसे खतरनाक युद्ध
पृथ्वीराज चौहान के सबसे महान काम
  • Biography
  • history
  • Information
  • Recipes
  • Unique places
  • Suvichar
  • Haunted places

© 2023 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Biography
  • history
  • Information
  • Recipes
  • Unique places
  • Suvichar
  • Haunted places

© 2023 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

Log In

Sign In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Back to Login

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Accept

Add to Collection

  • Public collection title

  • Private collection title

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.

पृथ्वीराज चौहान ने कितने वर्षों तक शासन किया था पृथ्वीराज चौहान को कितनी बुरी मौत दी थी गौरी ने पृथ्वीराज चौहान के सबसे खतरनाक युद्ध पृथ्वीराज चौहान के सबसे महान काम