Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh In Hindi | विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

vidyarthi aur anushasan
vidyarthi aur anushasan

Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh अगर आप भारत के नागरिक है और आपने भारत में पहली कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक पढ़े है तो आपको बखूबी पता होगा की भारत की स्कूलों और कॉलेज में आपको विद्या के साथ साथ अनुशासन पर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है.

आज हम आपको अपने यह लेख में Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh In Hindi, Vidyarthi Aur Anushasan Par anuched और Vidyarthi Aur Anushasan Par essay In Hindi पर विस्तार पूर्वक समझाया गया है. हम आशा करते है आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा….

Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh – विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

जीवन को सुंदर बनाने के लिए अनुशासन अनिवार्य है. अनुशासन विद्यार्थी जीवन का निर्माण काल होता है. ये वह समय होता है, जिसमे विद्यार्थी के संस्कार जीवन का निर्माण बनता या बिगड़ता है. परंतु जो विद्यार्थी अनुशासन के नियम में बंधकर अपने कार्य करते है, और वे निश्चित सफल होते है.

Advertisements

अनुशासन प्रिय विद्यार्थी ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है. समय से उठाना, समय से सोना, दैनिक क्रिया – कलापो को नियत समय पर करना, माता – पिता और गुरुजनों की आज्ञा का पालन करना, विद्यालयों तथा कक्षा के नियमो का पालन करना इत्यादि अनुशासन के अंतगति आता है.

जो विद्यार्थी घर हो या विद्यालय, समाज हो या राष्ट्र, सभी जगह नियम और सिद्धांतो का पालन करते है, वे उन्नति के शिखर पर पहुंचते है. जो विद्यार्थी अनुशासन की कठोर परिधि में जीवन यापन करते है, वे सिर्फ अपना ही नही बल्कि माता – पिता और देश का नाम भी रोशन करते है.

अनुशासित विद्यार्थी के लिए कहा गया है, ” सुखार्थी को विद्या कहा और विद्यार्थी को सुख कहाँ ? ” सुख चाहिए तो विद्या छोड़ दो और विद्या चाहो तो सुख त्याग दो. आदर्श विद्यार्थी प्रकृति के कण कण से अनुशासन की शिक्षा लेते है. चांद और सूरज भी अनुशासन में बंधकर ही श्रृष्टि को संचालित करते है. जिस प्रकार पल भर के लिए धरती की गति में बाधा हो तो भयंकर परिणाम होता है. ठीक उसी प्रकार अनुशासनहीन विद्यार्थी का जीवन भी नस्ट हो जाता है.

अनुशासन जीवन की चतुर्थिक सफलता का मूलमंत्र है. स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद, महात्मा गांधी जैसे महापुरुषो का जीवन अनुशासन का प्रकाशस्तंभ है. उसके ठीक विपरित यदि जीवन में अनुशासन के नियमो का पालन न किया जाए तो जीवन शरीर में बिना हड्डी के मांस की लोचड़ा के तरह हो जायेगा.

Advertisements

अनुशासन व्यक्ति पशु के समान होता है. अतः प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी तथा समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए अनुशासित जीवन में रहना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ankara escortaydın escortSakarya escortizmir escortankara escortetimesgut escortkayseri escortistanbul escortçankaya escortkızılay escortdemetevler escort
bebek alışverişhayır lokmasıeskişehir pelet kazanıbatman evden eve nakliyat