Indian history

Raymond success story in hindi

Raymond
रेमंड Raymond आज किसी इंट्रोडक्शन का महोताज नही है. रेमंड Raymond भारत मे ही
नही बल्कि, पूरी दुनिया मे अपने प्रॉडक्ट, ब्रांड वेल्यू और सर्विसेज के लिए जाना
जाता है. 
रेमंड Raymond की स्थापना भारत की आजादी के पहले विजयपत सिंहानिया ने की थी.
विजयपत सिंहानिया ने Raymond की शुरुआत कपड़ो की एक छोटी सी दुकान से की थी.
विजयपत सिंहानिया महेनत और लगन से Raymond को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुचाया
था. 
तो  आइए जानते है, अपने इस लेख में भारत की एवं दुनिया की सबसे बड़ी फैब्रिक
प्रोडक्शन कंपनी Raymond के सफलता की कहानी.
 

रेमंड के जन्म की कहानी – story of raymond 

रेमंड Raymond की स्थापना
भारत की आजादी के पहले साल 1925 में हुई थी. रेमंड Raymond के संस्थापक विजयपत सिंहानिया ने एक छोटी सी दुकान से शुरुआत की थी. आज
रेमंड Raymond जिस ऊंचाइयों
पर है, उसका सारा श्रेय विजयपत सिंहानिया को ही जाता है. 
आज के समय मे रेमंड कपड़ो के साथ-साथ डिज़ाइनर कपड़े, सौंदय प्रसादन, इंजीनियरिंग
मैटीरियल और डेनिम जैसे और कई प्रकार की वस्तुएं बनाती और बेचती है. इसीलिए रेमंड
आज भारत मे ही नही बल्कि, पूरी दुनिया मे जानी जाती है. 
आज के समय मे रेमंड के शो-रूम भारत के सभी छोटे-बड़े शहरों में देखने मिलते है.
इतना ही नही रेमंड के भारत के बाहर 700 से भी ज्यादा छोटे-बड़े शो-रूम मौजूद
है. 
Raymond की पॉप्युलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, वह हर साल 31
मिलियन मीटर फेब्रिक का प्रोडक्शन करता है. Raymond आज भारत का 23वां सबसे
भरोसेमंद ब्रान्ड माना जाता है.

रेमंड के संस्थापक विजयपत सिंहानिया का परिचय – Introduction to Raymond
founder vijaypat sinhania

विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania जन्म 9 सितंबर 1965 में बिहार के कानपुर शहर में हुआ था. विजयपत सिंहानिया को
बचपन से ही कुछ बड़ा कर दिखाने का साहस था. विजयपत सिंहानिया जन्म एक गरीब
परिवार में हुआ था. इसीलिए उन्हें रेमंड की शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना
करना पड़ा था. 
आज विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania सपनो की नगरी मुंबई में रहते है. उनके घर का नाम जे.के. हाउस है. विजयपत
सिंहानिया vijaypat sinhania की शानोशौकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उनका घर जे.के. हाउस
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से काफी ऊंचा
है. 
विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania को एडवेंचर और स्पोर्ट्स का काफी शौख है. विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania के एडवेंचर के काफी किस्से है परंतु उनमे से दो कहानियां काफी मशहूर है. एक
समय मे  विजयपत सिंहानिया लंदन से अकेले प्लेन चलाकर भारत आ गए थे. 
दुशरी कहानी यह है कि, 68 साल की उम्र में विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania एयरबलून उड़ाते थे. विजयपत सिंहानिया का एक रेकॉर्ड यह भी है कि, वह एयरबलून
में 1-2 घंटे नही बल्कि पूरे 5 हजार घंटे रहे थे. 
ऐश्वर्य और विलास के धनी विजयपत सिंहानिया 2005 से 2006 तक ऐसे एक साल तक मुंबई
शहर के मेयर भी रह चुके है. विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania को उद्योग जगत में क्रांति लाने के कारण साल 2006 में भारत सरकार द्वारा
पद्मभूषण अवार्ड से सन्मानित भी किया गया था. 
पूत कपूत तो, काहे धन सींचे
पूत सपूत तो भी, काहे धन सींचे
यह बात विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania पर फिट बैठती है. पुत्रमोह में आ के साल 2015 में विजयपत सिंहानिया ने अपनी 15
हजार करोड़ की संपत्ति अपने बेटे गौतम सिंहानिया के नाम कर दी थी. उसके बदले में
गौतम सिंहानिया ने अपने ही पिता विजयपत सिंहानिया vijaypat sinhania को घर से बाहर निकाल दिया था. 
हजारो करोड़ो के मालिक विजयपत सिंहानिया आज के समय मे मुम्बई के ग्रैंड परारी
सोसायटी में किराए के मकान में रहते है. बुढ़ापे में पिता की लाठी बनने के बजाय
गौतम  सिंहानिया ने अपने ही पिता को घर से बाहर निकाल दिया.
हालांकि, साल 2000 में गौतम सिंहानिया के Raymond की बागडोर संभालने के बाद से ही
Raymond Share price में काफी उछाल आया है. साल 2015 में शेरबाज़ार में काफी
गिरावट के कारण Raymond Share की price भी गिरी थी.

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