बरसाना के लड्डू होली (17 मार्च)
यह खिलवाड़ी घटना बरसाना के श्रीजी मंदिर में होती है, जो एक पास के गाँव है। महिलाएँ खिलखिलाकर पुरुषों को लाठियों से पीटती हैं जबकि उन्हें रंगीन पाउडर (लड्डू) से नहलाती हैं। यह खेलने का तरीका बहुत ही उत्साही और रंगीन होता है। यहाँ की खासियत है कि महिलाएँ पुरुषों पर विजय प्राप्त करती हैं, जो कि होली की रस्म का एक अनोखा पहलू है।
नंदगाँव होली (19 मार्च)
यहाँ, भूमिका पलटी जाती है। नंदगाँव के पुरुष बरसाना की महिलाओं को रंगों में भिगोकर उन्हें समर्पित ढंग से रंगते हैं। यहाँ पर भी खास रंगों की भरपूर मस्ती और उत्साह होता है।
फूलवालों की होली (21 मार्च)
यह वृन्दावन Vrudavan में मनाई जाने वाली प्रमुख घटना है। इस उत्सव का केंद्र बनके बिहारी मंदिर है, जहाँ भक्त एक-दूसरे पर रंगीन फूलों की बौछार करते हैं। यहाँ की सुंदरता और खासियत रंगों की बरसात में छुपी है, जो इस उत्सव को अद्वितीय बनाती है।
रंगभरी एकादशी होली Vrindavan holi 2024(21 मार्च)
यह एक और वृन्दावन का उत्सव है जो फूलवालों की होली के साथ समयित होता है। यहाँ, लोग दिन भर एक-दूसरे पर रंग फेंकते हैं और मस्ती करते हैं। यहाँ की रंगीनी में हर कोई भाग लेने के लिए उत्सुक होता है।
वृन्दावन होली Vrindavan holi 2024 वास्तव में एक ऐसा अनुभव है जिसे देखने के लिए कोई भी व्यक्ति उत्सुक होता है जो इस रंगीन उत्सव के खुशीदायक आत्मा में खुद को डुबोना चाहता है। अगर आप इसमें शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो रंगों में भिगोने और उत्सवी वातावरण में खुशी से उत्साहित होने के लिए तैयार रहें!
श्री बाँके बिहारीजी मंदिर में होली 2024 का धमाल (21 मार्च)
वृन्दावन के श्री बाँके बिहारीजी मंदिर में होली के उत्सव का धमाल देखने के लिए लाखों लोग इस शहर का दौरा करते हैं। यहाँ पर भक्तगण रंग-बिरंगे रूप में खिलते हैं और भगवान की प्रतिमा को अलग-अलग रंगों से अद्वितीय बनाते हैं। मंदिर के चारों दिशाओं में रंग-बिरंगी बादलों का बिछाव बनता है और इस सांस्कृतिक उत्सव का आनंद लेने वाले लोग खूब मस्ती करते हैं।
गाँवों की खास होली खेलें (20 मार्च)
वृन्दावन के गाँवों में भी होली का उत्सव खासी धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ पर गाँव के लोग मिलकर होली का खेल खुशी मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को रंगों से भरी गुलाली और रंगों के पाउडर से खेलते हैं। इस गाँवी होली में लोग अपने प्रियजनों के साथ प्यार और आनंद का इजहार करते हैं।
होली की रंगीनी में वृन्दावन की छांव (23 मार्च)
होली की रंगीनी में वृन्दावन का माहौल स्वार्थ-मुक्त और प्रेम-पूर्ण होता है। यहाँ पर सभी लोग एक-दूसरे के साथ रंग भरी मस्ती करते हैं और विभिन्न रंगों के आधार पर एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं। इस उत्सव में दिखने वाली रंगों की खूबसूरती को देखते ही हर कोई अपने आप को खो जाता है और इस अनूठे महोत्सव का आनंद लेता है।
ब्रजवासियों का होली मेला (25 मार्च)
ब्रजवासियों का होली मेला हर साल वृन्दावन में होली के उत्सव को अद्वितीय बनाता है। यहाँ पर आने वाले लोग भगवान के नाम में रंग भरी मस्ती करते हैं और वृन्दावन की सड़कों पर नाचते-गाते हैं। इस मेले में भाग लेने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान होती है और वह यहाँ का रंगीन माहौल अपने दिल में सजाकर लौटता है।