शकुंतला देवी: मानव कम्प्यूटर – जीवनी, उपलब्धियाँ, और व्यक्तिगत जीवन | Shakuntala Devi Mathematician Biography

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शकुंतला देवी का जीवन परिचय
जीवन परिचय
नामशकुंतला देवी (Shakuntala Devi)
उपनाममेंटल केल्क्युलेटर, मानव कम्प्यूटर
कार्यशैलीभारतीय गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक, ज्योतिष, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि4 नवंबर 1929
जन्मस्थानबेंगलुरु, भारत
मृत्युतिथि21 अप्रैल 2013
मृत्युस्थानबेंगलुरु, भारत
मृत्युकारणसांस एवं किडनी संबंधित बीमारी द्वारा हदयगति रुकने से
धर्महिन्दू
ज्ञातिकन्नड़ ब्राह्मण
शैक्षणिक योग्यताकोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं
पुरस्कार एवं उपनाम
1950 में BBC NEWS द्वारा “मानव कम्प्यूटर” की उपाधि
1969 में फिलीपींस विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक के साथ “DISTINGUISHED WOMEN OF THE YEAR” अवॉर्ड से सम्मानित
1988 में “रामानुजन गणितीय जीनियस अवार्ड” से सम्मानित
1995 में “गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में स्थान
2013 में “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से सम्मानित
परिचय
मातामेनका देवी
पिताविश्वामित्र मणि
बेटीअनुपमा बनर्जी

शंकुतला देवी: Shakuntala Devi Mathematician की हिंदी में जीवनी

“वंडर गर्ल ऑफ मेथ” के नाम से प्रसिद्ध शकुंतला देवी ने उस समय तहलका मचाना शुरू किया जब आधी से ज्यादा दुनिया को कम्प्यूटर के बारे में पता नहीं था और उस वक्त ऐसे केल्क्युलेटर भी नहीं बने थे जो सेकंडों में बड़ी – बड़ी संख्या को गुणा, भाग, जोड़ सकते थे। पर शकुंतला देवी यह काम बिना किसी यांत्रिक सहायता के जुबानी ही कर दिखाती थीं।

बिना किसी यांत्रिक सहायता से शकुंतला देवी गणित की जटिल समस्या को गिनती की सेकंडों में हल कर देती थीं। यह असाधारण प्रतिभा उनके बचपन से ही उनके पिता के सामने आ गई थी। अब स्वाभाविक बात है कि ऐसी असाधारण प्रतिभा उन्हें भगवान की तरफ से भेंट स्वरूप ही मिली होगी।

शकुंतला देवी का जीवन परिचय | Biography of Shakuntala Devi

शकुंतला देवी: मानव कम्प्यूटर - जीवनी, उपलब्धियाँ, और व्यक्तिगत जीवन | Shakuntala Devi Mathematician Biography
शकुंतला देवी: मानव कम्प्यूटर – जीवनी, उपलब्धियाँ, और व्यक्तिगत जीवन | Shakuntala Devi Mathematician Biography

शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को ब्रिटिश भारत के बेंगुलुरू में हुआ था। उनका जन्म रूढ़िवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शकुंतला देवी के पिता का नाम विश्वामित्र मणि और माता का नाम मेनका देवी था। हालांकि ब्राह्मण परिवार में होने की वजह से उनके पिता पर उनके दादा का ब्राह्मण बनने का दबाव था, पर शकुंतला देवी के पिता को करतब दिखाना अच्छा लगता था। इसी कारण विश्वामित्र मणि अपनी पत्नी मेनका और बेटी शकुंतला के साथ घर से भाग गए।

शकुंतला देवी के पिता सर्कस में अपना करतब दिखाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। शकुंतला देवी की असाधारण प्रतिभा महज 3 साल की उम्र में ही उनके पिता के सामने आ गई थी जब वह पिता के साथ कार्ड्स खेल रही थीं। तब उनके पिता ने गौर किया कि शकुंतला के अंदर कई तरह के नंबरों को याद करने की क्षमता के साथ बड़े से बड़े कैल्कुलेशन को चुटकियों में हल कर देने की अद्भुत कला है।

शकुंतला देवी की ऐसी अद्भुत कला के कारण उन्हें अपने पिता के साथ सर्कस में काम मिला और इसी कारण से शकुंतला देवी का टेलेंट लोगों के सामने आया। महज 6 साल की उम्र में शकुंतला देवी ने मैसूर यूनिवर्सिटी में अपनी असाधारण टेलेंट को प्रदर्शित किया। इसी असाधारण टेलेंट के चलते साल 1944 में शकुंतला देवी को पिता के साथ लंदन जाने का मौका मिला।

इसके बाद शकुंतला देवी को साल 1950 में यूरोप की यात्रा करने का मौका मिला। अपनी इस यात्रा के दौरान शकुंतला देवी ने गणित के सवालों को कुछ ही सेकंडों में हल करके अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। यूरोप की यात्रा के बाद शकुंतला देवी ने साल 1976 में न्यूयॉर्क और साल 1988 में यूएस की यात्रा की। यहां पर भी उन्होंने अपने टेलेंट को प्रदर्शित किया और लोगों के दिलों में जगह बनाई।

18 जून 1980 में शकुंतला देवी की कला को फिर से लंदन की इंपीरियल कॉलेज में परखा गया। इस बार शकुंतला देवी को 13 अंकों की दो बड़ी संख्या को गुणा करने को कहा गया। पर शकुंतला देवी ने अपने टेलेंट के दम पर कुछ ही सेकंड में सही जवाब देकर अपनी प्रतिभा साबित की। शकुंतला देवी के ऐसे कई टेलेंट की वजह से उनका नाम साल 1982 में “गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में भी दर्ज किया गया।

शकुंतला देवी का वैवाहिक जीवन | Married Life of Shakuntala Devi

शकुंतला देवी की शादी साल 1970 में परितोष बनर्जी से हुई थी। परितोष बनर्जी कोलकाता में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। शकुंतला देवी और परितोष बनर्जी की एक बेटी भी थी जिसका नाम अनुपमा बनर्जी था। उनकी यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और करीब 19 साल बाद दोनों ने एक दूसरे को तलाक दे दिया। उनके तलाक की वजह परितोष बनर्जी का होमोसेक्सुअल होना बताया जाता है।

शकुंतला देवी को मिले अवार्ड्स और पुरस्कार | Shakuntala Devi received awards and prizes

साल 1970 में शकुंतला देवी को फिलीपींस यूनिवर्सिटी द्वारा “मोस्ट डिस्टिंग्विश्ड वुमेन ऑफ द ईयर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 1982 में मानव कंप्यूटर शकुंतला देवी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए सबसे बेहतरीन गणितज्ञ के रूप में दर्ज किया गया था। उन्होंने दो 13 अंकों की संख्या को गुणा करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी मात दी थी।

साल 1988 में मेंटल कैलकुलेटर शकुंतला देवी को अमेरिका के तत्कालीन भारतीय राजदूत द्वारा “रामानुज मैथमेटिकल जीनियस अवॉर्ड” से नवाजा गया था। शकुंतला देवी को साल 2013 में उनकी मृत्यु से करीब 1 महीने पहले “लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा शकुंतला देवी को BBC NEWS द्वारा साल 1950 में “मानव कम्प्यूटर” की उपाधि दी गई थी।

शकुंतला देवी का राजनैतिक संबंध | Shakuntala Devi’s political connections

शकुंतला देवी ने 1980 के दशक में देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। फिर भी शकुंतला देवी ने लोगों के दिल में “मानव कम्प्यूटर” और “मेंटल केल्क्युलेटर” के रूप में अपनी जगह बनाए रखी।

शकुंतला देवी का निधन | Shakuntala Devi dies

डॉक्टरों के अनुसार शकुंतला देवी को अपने जीवन के आखिरी दिनों में सांस एवं किडनी की बीमारी थी और इसी बीमारी की वजह से वह बहुत बीमार रहती थीं। इस बीमारी से काफी संघर्ष के चलते 21 अप्रैल 2013 को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया था।

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